पिहोवा का पंजाब सीमा से सटा ट्यूकर बॉर्डर का रास्ता 42 दिन के बाद खोल दिया गया। दोपहर करीब एक बजे जेसीबी ने बॉर्डर पर बनाई गई कंक्रीट को हटाना शुरू किया। यह कार्यवाही शाम करीब सात बजे तक चली। हालांकि प्रशासन की ओर से बॉर्डर को पूरा नहीं खोला गया है। सिर्फ एक तरफ से वाहनों के लिए रास्ता दिया गया है।
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कुरुक्षेत्र। पिहोवा का पंजाब सीमा से सटा ट्यूकर बॉर्डर का रास्ता 42 दिन के बाद खोल दिया गया। दोपहर करीब एक बजे जेसीबी ने बॉर्डर पर बनाई गई कंक्रीट को हटाना शुरू किया। यह कार्यवाही शाम करीब सात बजे तक चली। हालांकि प्रशासन की ओर से बॉर्डर को पूरा नहीं खोला गया है। सिर्फ एक तरफ से वाहनों के लिए रास्ता दिया गया है।
दोपहर एक बजे छोटी जेसीबी के साथ प्रशासन ने बॉर्डर पर बनी बाड़ को हटाने का प्रयास शुरू किया, मगर कंक्रीट से बनी मजबूत सुरक्षा बाड़ को हटाने में इस जेसीबी को काफी मशक्कत करनी पड़ी। कुछ देर बाद प्रशासन ने दूसरी बड़ी जेसीबी का व्यवस्था करके कार्यवाही दोबारा शुरू की गई। हालांकि इसे हटाने में छह घंटे का वक्त लगा।
रास्ता दिए जाने के बाद आसपास के ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली।बता दें 11 फरवरी को प्रशासन की ओर से पंजाब के किसानों को आगे बढ़ने के लिए ट्यूकर बॉर्डर पर मारकंडा पुल पर करीब 25 फुट के बीच 12 लेयर की कड़ी सुरक्षा बाड़ तैयार की थी। इसमें आगे और पीछे सीमेंट से बड़े ब्लॉक कंक्रीट के साथ जोड़े गए थे। साथ ही बीच में पांच फीट ऊंची और चौड़ी कंक्रीट की दीवार बनाई गई थी।