कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा कि जानकारों का मानना है कि मूल्यांकन कम करने और कीमत दायरा घटाने से सरकारी खजाने को 30,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। सरकार ऐसा क्यों कर रही है उन्हें बताना चाहिए?। उन्होंने कहा कि LIC कंपनी दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी बीमा कंपनी है। देश के 30 करोड़ लोग सीधे तौर पर इससे जुड़े हैं।
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नई दिल्ली, 03 मई। कांग्रेस ने सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के शेयर भाव को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 30 करोड़ पॉलिसी धारकों के भरोसे की कीमत को औने-पौने दाम पर बेचा जा रहा है।
LIC पर सबको भरोसा है- सुरजेवाला
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केंद्र सरकार LIC को भी बेचने पर तुली है। इससे LIC के 30 करोड़ पॉलिसी धारकों के भरोसे पर चोट पहुंचने का खतरा है। LIC पर सबको भरोसा है। इसलिए इसकी हिस्सेदारी औने-पौने दाम पर बेचना उचित नहीं है।
इस मुद्दे पर केंद्र को सफाई देनी चाहिए- सुरजेवाला
सुरजेवाला ने कहा कि LIC के निर्गम की कीमत बहुत कम रखी गई है। उन्होंने कहा कि बीते फरवरी महीने में सरकार ने LIC की कीमत 12-14 लाख करोड़ आंकी थी, लेकिन केवल दो महीनों में इसे घटाकर 6 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। इस मुद्दे पर केंद्र को सफाई देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बीते जनवरी-फरवरी में LIC के निर्गम के लिए मूल्य दायरा 1100 रुपये प्रति शेयर रखा गया था, जबकि अचानक इसे कम करके 902 से 949 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है।
Why was the LIC valuation of Rs 12-14 Lakh Crore in February 2022 reduced to ₹6 Lakh Crore in just 2 months? pic.twitter.com/r7vIofHtcW
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 3, 2022
सरकारी खजाने को 30,000 करोड़ का नुकसान होगा
कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा कि जानकारों का मानना है कि मूल्यांकन कम करने और कीमत दायरा घटाने से सरकारी खजाने को 30,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। सरकार ऐसा क्यों कर रही है उन्हें बताना चाहिए?। उन्होंने कहा कि ये कंपनी दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी बीमा कंपनी है। देश के 30 करोड़ लोग सीधे तौर पर इससे जुड़े हैं। कंपनी के पास 39 लाख 60 हजार करोड़ की सम्पत्ति है। कंपनी ने 13 लाख 94 हजार परिवारों को रोजगार दे रखा है। जिसमें से 12 लाख 80 हजार लोग एजेंट के तौर पर जुड़े हैं। वहीं एक लाख 14 हजार कर्मचारी हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में LIC के 3 हजार 5 सौ 42 दफ्तर हैं।
“जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी”
– फिर इतनी जल्दबाज़ी क्यों?Why Confidence & Trust of 30 Crore LIC Policy Holders valued at throw away price?
Our Statement -: pic.twitter.com/JwI3JMxTIw
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 3, 2022
LIC का नारा है- ‘जिंदगी के साथ भी जिंदगी के बाद भी’
सुरजेवाला ने कहा कि LIC को साल 1956 में पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और कांग्रेस ने संजोया था जो इस देश की संपत्ति है। LIC का नारा है कि ‘जिंदगी के साथ भी जिंदगी के बाद भी’ तो वो मोदी सरकार से पूछना चाहते हैं कि इस कंपनी को बेचने की इतनी जल्दबाजी क्यों हैं?।
LIC का नारा है –
‘ज़िंदगी के साथ भी, ज़िंदगी के बाद भी’हम मोदी जी से पूछ रहे हैं –
तो इतनी जल्दबाज़ी क्यों?“माले मुफ्त दिले बेरहम..”
दशकों से 140 करोड़ लोगों की खून पसीने की कमाई व कर से खड़ी कंपनियां एवं सार्वजनिक उपक्रम ‘Fire Sale’ में मोदी जी बेच रहे हैं! pic.twitter.com/gqfBssW1jf
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 3, 2022