आज भारत में हिन्दू बहुसंख्यक होते हुए भी अल्पसंख्यक की परिधि में आ गया है।
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Dharm Sansad : वेद निकेतन के महामंडलेश्वर स्वामी विजयानंद सरस्वती ने उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ की सरकारों का धर्म संसद में हुई चर्चा के लिए संतों पर दर्ज किए गए मुकदमों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे राज्य सरकारों की एकतरफा कार्रवाई बताते हुए कहा कि संत झूठे मुकदमों से नहीं डरेंगे।
संतो का उत्पीड़न कर रही है सरकार
महामंडलेश्वर स्वामी विजयानंद ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जब गैर हिन्दू भारत में जनसभाएं कर हिन्दुओं के विरोध में खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं तो उन पर सरकारें कार्रवाई नहीं कर रही हैं।
जबकि हिन्दू धर्म को बचाने के लिए सनातनी संत हिन्दुओं को अपने हक-हकूकों जिन पर जबरन कब्जा किया गया है, उनके प्रति जागृत किए जाने के लिए धर्म सभाएं आयोजित कर धर्म सम्भाव की बात कह रहे हैं तो सरकारें संतों पर झूठे मुकदमें ठोक कर उनका उत्पीड़न कर रही है।
संतों पर किए गए मुकदमे पूरी तरह निरर्थक हैं
उन्होंने कहा कि सरकारों द्वारा संतों पर किए गए मुकदमे पूरी तरह निरर्थक हैं। यदि हिन्दू समाज अपने हकूकों की मांग भारत में नहीं करेगा तो क्या उसे अन्य देश का सहारा लेना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आज भारत में हिन्दू बहुसंख्यक होते हुए भी अल्पसंख्यक की परिधि में आ गया है।
जबकि 8 प्रतिशत से बढ़कर गैर हिन्दू 30 प्रतिशत पहुंच गए हैं, जो कि भारत की सत्ता पर काबिज होने का सपना देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ की सरकार द्वारा संतों पर किए गए धर्म संसद को लेकर मुकदमों के विरोध में प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को ज्ञापन भी देंगे।