भारत के लिए आज ऐतिहासिक दिन, 70 साल बाद भारत को फिर मिलेगा चीता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 72वें जन्मदिन पर चीतों को कुनो नेशनल पार्क में छोड़ेंगे.
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Mission to reintroduce extinct cheetahs: भारत के लिए आज ऐतिहासिक दिन 70 साल बाद भारत को फिर मिलेगा चीता, अफ्रीका के नामीबिया से आठ चीतों को लेकर जा रही विशेष चार्टर्ड कार्गो उड़ान शनिवार सुबह मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर उतरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन पर चीतों को कुनो नेशनल पार्क में छोड़ेंगे। एक अंतरमहाद्वीपीय चीता स्थानान्तरण परियोजना के हिस्से के रूप में आठ चीतों को एक कार्गो विमान में लाया गया था। नामीबिया से 8 चीते लेकर आ रहा विशेष विमान TVR4724 बोइंग 747 आज सुबह 7:30 बजे ग्वालियर एयरपोर्ट पर लैंड किया. इन चीतों में 5 मादा और 3 नर हैं. कस्टम विभाग यहीं से इसे क्लीयरेंस दे रहा है. अब इन चीतों को विशेष हेलीकाप्टर से कूनो नेशनल पार्क रवाना किया जा रहा है.
#WATCH | The special chartered cargo flight, bringing 8 cheetahs from Namibia, lands at the Indian Air Force Station in Gwalior, Madhya Pradesh.
Prime Minister Narendra Modi will release the cheetahs into Kuno National park in MP today, on his birthday. pic.twitter.com/J5Yxz9Pda9
— ANI (@ANI) September 17, 2022
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नामीबिया में मुख्यालय और जंगली में चीता को बचाने के लिए समर्पित एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन, पांच मादा चीता की उम्र दो साल से पांच साल के बीच है और नर चीता की उम्र के बीच है 4.5 साल और 5.5 साल।
एमपी के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जेएस चौहान ने पहले कहा था कि एहतियात के तौर पर यात्रा शुरू करते समय जानवर को खाली पेट खाना चाहिए। केएनपी में बिल्लियों को भोजन उपलब्ध कराया जाएगा, जहां वे जयपुर में एक हेलीकॉप्टर में एक घंटे की यात्रा के बाद पहुंचेंगे, जो राष्ट्रीय उद्यान से लगभग 400 किमी दूर है।
1952 में भारत में जानवर के विलुप्त होने के लगभग सात दशक बाद, चीता पुनरुत्पादन कार्यक्रम के हिस्से के रूप में पीएम मोदी इनमें से तीन चीतों को पार्क के संगरोध बाड़े में छोड़ देंगे।
चीतों को एक महीने तक के लिए क्वारंटीन सेंटर में रखा जाएगा. यहां नर और मादा चीतों को अलग-अलग रखा जाएगा. इस दौरान उनकी सेहत की निगरानी की जाएगी. अनाधिकृत व्यक्तियों को एक महीने के लिए बाड़े से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा और संभावित संक्रमण से बचाने के लिए उस समय के लिए इसे पर्दों से ढक दिया जाएगा.
नामीबिया से चीता ग्वालियर पहुंचे…. pic.twitter.com/E1kGg9zqaJ
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— snehanshu shekhar (@snehanshus) September 17, 2022
बता दें, भारत में चीतों की आबादी 19वीं शताब्दी के दौरान घट गई थी. इसकी मुख्य कारण स्थानीय राजाओं और ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा चीतों का शिकार करना था. एक दिन ऐसा आया जब साल 1948 में अंतिम तीन एशियाई चीतों का शिकार किया गया और 1952 में चीता को देश में विलुप्त घोषित कर दिया गया था. उसके बाद से भारत में कोई चीता नहीं है. अब साल 2022 में 8 विदेशी चीता भारत लाए जा रहे हैं.
चीता जमीन पर रहने वाला सबसे तेज रफ्तार वाला जानवर है जो एक छोटी सी छलांग में 120 KM प्रति घंटे तक की गति (Speed) प्राप्त कर लेता है. मात्र तीन सेकेंड के अंदर ये अपनी रफ्तार में 103 KM प्रति घंटे का इजाफा कर लेता है, जोकि अधिकतर सुपरकार की रफ्तार से भी तेज है. हालिया अध्ययन (Study) से ये साबित हो चुका है कि धरती पर रहने वाला चीता सबसे तेज जानवर है.