सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को अडाणी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग फर्म की रिपोर्ट से जुड़ी दो जनहित याचिकाओं (PIL) पर सुनवाई करेगा.
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Adani-Hindenburg Row: सुप्रीम कोर्ट अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की अदालत की निगरानी में जांच की मांग वाली एक और याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है , एडवोकेट विशाल तिवारी की दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होगी. इसमें सुप्रीम कोर्ट के रिटार्ड जज की निगरानी में एक समिति गठित करने की मांग की गई है. एडवोकेट ने चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मामले की अर्जेंट लिस्टिंग की अपील की थी. याचिका में कोर्ट से SEBI, CBI और ED समेत अन्य जांच एजेसिंयों को विशेष जांच दल (SIT) में शामिल कर जांच कराने की मांग की गई है. हिंडनबर्ग को लेकर अब तक 2 याचिकाएं लगाई जा चुकी हैं.
भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश
अधिवक्ता एमएल शर्मा और विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिकाओं पर SC ने सुनवाई पर सहमति जताई है. याचिका में कहा गया है कि अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग ने साजिश के तहत भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश की है. अधिवक्ता ने कहा कि इस रिपोर्ट ने शेयर बाजार पर गलत असर डाला है, जिससे लोगों को लाखों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
विपक्षी पार्टी लगातार जांच की कर रहा है मांग
कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर इस मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति या फिर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाली टीम से कराने की मांग की है. विपक्षी नेताओं ने जीवन बीमा निगम और भारतीय स्टेट बैंक जैसे सार्वजनिक वित्तीय निकायों के ‘बड़े जोखिम’ को भी चिन्हित किया है, जिन्होंने अडानी के शेयरों में निवेश किया है.
मंगलवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुजरात के अरबपति गौतम अडाणी ग्रुप की संपत्ति में तेजी से हुई बढ़ोतरी को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर हमला किया था.
24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी. रिपोर्ट में ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए थे. रिपोर्ट के बाद ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी. शुक्रवार यानी 3 फरवरी को अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 1000 रुपए के करीब पहुंच गया था. हालांकि, बाद में इसमें रिकवरी आई.