पेरेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव डॉ सुनील कौशिक ने कहा कि रिटायर्ड न्यायधीश की अध्यक्षता में समाधान हेतु एक ड्राफ्ट कमेटी का गठन होगा। निजी स्कूलों के शिक्षकों का हो रहा भारी शोषण भी शिक्षा के गिरते स्तर का एक प्रमुख कारण है- डॉ त्रिपाठी
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दिल्ली, 23 मई। पेरेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया “पाई” की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक रविवार को होटल रैडिसन दिल्ली में संगठन प्रमुख ,अध्यक्ष एस डी शर्मा की अध्यक्षता में हुई। बैठकमें देश के अभिभावकों के लिए कई फैसले लिए गए। बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष एस डी शर्मा ने कहा सभी प्रदेशों में संगठन की समीक्षा करके जल्द ही संगठन में बड़ा फेरबदल किया जाएगा।
वर्तमान में शिक्षा का स्तर दिनों-दिन गिर रहा है- SD शर्मा
इसी के साथ संगठन को गति देने और इसे राष्ट्रव्यापी मिशन बनाने के दृष्टिकोण से देश के किसान आंदोलन सहित कई मूवमेंट्स के कुशल नेतृत्व के लिए जाने वाले डॉ राजाराम त्रिपाठी को सर्वसम्मति से संगठन का “मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता” बनाए जाने की घोषणा की गई। इसके साथ ही उनकी टीम को प्रादेशिक और राष्ट्रीय स्तर और अधिक मजबूती और धार देने के लिए मनोज पंडित और अनिरुद्ध शर्मा को “राष्ट्रीय प्रवक्ता” नियुक्त किया गया है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसडी शर्मा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में शिक्षा का स्तर दिनों दिन गिरता जा रहा है।
सरकार के सामने रखी जाएंगी सिफारिशें- सुनील कौशिक
“पेरेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया” निजी स्कूलों की दिनों दिन बढ़ती फीस, स्कूल-ड्रेस की मनमानी कीमत से बुरी तरह से परेशान है। राष्ट्रीय महासचिव डॉ सुनील कौशिक ने कहा कि जिन हालातों की ओर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इशारा किया है उन हालातों के समाधान के लिए जल्द ही किसी रिटायर्ड न्यायधीश की अध्यक्षता में एक ड्राफ्ट कमेटी का गठन किया जाएगा। जो भी कमेटी की सिफारिशें होंगी उसको एक बड़े आंदोलन के साथ बदलाव के लिए सरकार के समक्ष रखा जाएगा।
संस्थान के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिवकुमार मिश्र ने कहा कि दिनों दिन बढ़ती स्कूलों की फीस, स्कूल ड्रेस और किताबों की मनमानी कीमतों के कारण आज मजदूर, रिक्शावाले, फेरीवाले जैसे गरीब तबके के अभिभावक और मध्यम आय वर्ग के समस्त आम नागरिक अपने बच्चों को पढ़ाने में असमर्थ महसूस कर रहे हैं। डॉ राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि आज वर्तमान में निजी स्कूलों की मनमानी से बच्चे और उनके अभिभावक ही नहीं बल्कि वहां के शिक्षक भी त्रस्त हैं। एसोसिएशन को सरकार के साथ मिलकर मुख्य मुद्दों पर क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पेरेंट्स संगठनों, टीचर्स संगठनों से चर्चा करके समुचित समाधान निकलना होगा। ताकि हम सब मिलकर पढ़ाई का वो एक माहौल दे सकें जिससे स्वयं अपने आप सरकार,पेरेंट्स और अध्यापकों को जिम्मेदारी का एहसास हो।