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Varanasi news:काशी विश्वनाथ धाम में दीपावली के तीसरे दिन मनाया जाएगा अन्नकूट महोत्सव,27 साल बाद टूटेगी परंपरा

:Kashi Vishwanath Dham:वाराणसी में स्थित काशी में 27 साल बाद ऐसा देखने को मिलेगा कि दीपावली के तीसरे दिन अन्नकूट महोत्सव मनाया जाएगा,हर साल ये महोत्सव दीपावली के दूसरे दिन मनाया जाता था,इस साल 25 अक्टूबर यानि दीपावली के एक दिन बाद खंडग्रास सूर्यग्रहण लग रहा है,यह ग्रहण भारत में भी दिखेगा,सूतक काल के कारण 25 तारीख को मंदिर बंद रहेगा,27 साल बाद सूर्य ग्रहण के कारण अन्नकूट की तारीख बदलनी पड़ी है.

By इंडिया वॉइस 

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Varanasi news:वाराणसी में स्थित काशी में 27 साल बाद ऐसा देखने को मिलेगा कि दीपावली के तीसरे दिन अन्नकूट महोत्सव मनाया जाएगा,हर साल ये महोत्सव दीपावली के दूसरे दिन मनाया जाता था,इस साल 25 अक्टूबर यानि दीपावली के एक दिन बाद खंडग्रास सूर्यग्रहण लग रहा है,यह ग्रहण भारत में भी दिखेगा,सूतक काल के कारण 25 तारीख को मंदिर बंद रहेगा,27 साल बाद सूर्य ग्रहण के कारण अन्नकूट की तारीख बदलनी पड़ी है.

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ज्योतिषाचार्य कन्हैया महराज के मुताबिक, काशी में दीपावली के दूसरे अन्नकूट का बड़ा महत्व माना जाता है. इस दिन बाबा विश्वनाथ को 56 प्रकार के भोग लगाए जाते हैं. इसी भोग को श्रद्धालुओं में वितरित भी किया जाता है, लेकिन इस बार ये परंपरा टूटने जा रही है. दीपावली के दूसरे दिन बाबा विश्वनाथ का आंगन खाली रहेगा, क्योंकि 25 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 29 मिनट पर सूर्यग्रहण स्पर्श होगा. ग्रहण का मध्यकाल 5 बजकर 14 मिनट और मोक्ष शाम 5 बजकर 42 मिनट पर होगा. सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल की शुरुआत होती है. ऐसे में तमाम देवालय बन्द होते है, जिसके कारण इस बार देवालयों में दीपावली के दूसरे दिन नहीं, बल्कि तीसरे दिन देवालयों में अन्नकूट महोत्सव मनाया जाएगा.

अन्नपूर्णा मन्दिर के महंत शंकर पुरी कहते हैं, परंपराओं के मुताबिक वाराणसी में अन्नकूट महोत्सव बेहद ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन वाराणसी के सभी छोटे बड़े देवालयों को 56 व्यंजकों से सजाया जाता है. काशी विश्वनाथ मंदिर और अन्नपूर्णा मंदिर में ये आयोजन बड़े ही धूमधाम से होता है, लेकिन इस बार सूर्यग्रहण के कारण ये आयोजन 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा.
सूतक काल के कारण मन्दिर 25 तारीख को लगभग बंद रहेगा, जिसके कारण अन्नकूट की तारीख बदलनी पड़ी है. सूर्य ग्रहण के कारण ऐसा 27 साल बाद होगा, जब बाबा विश्वनाथ को भोग के लिए एक दिन का इंतजार करना पड़ेगा.

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