राजस्थान की श्रीगंगानगर लोकसभा सीट को अन्न का कटोरा कहा जाता है। यह एक ऐसी सीट है जहां हर बार प्रत्य़ाशी बदले जाते हैं। वहीं इस बार भी प्रत्याशी को बदल दिया गया है। भाजपा ने 28 साल बाद निहालचंद का टिकट काटकर अनूपगढ़ नगर परिषद की सभापति प्रियंका बैलाण को मौका दिया है। यहां प्रियंका बैलाण का सीधा मुकाबला कांग्रेस के कुलदीप इंदौरा के साथ है। तो क्या है यहां का सियासी समीकरण .
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श्रीगंगानगर लोकसभा सीट
राजस्थान की श्रीगंगानगर लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. वैसे तो इस सीट पर सीटिंग सांसद की जीत के उदाहरण बहुत कम हैं, लेकिन 2014 के बाद इस सीट पर 2019 के चुनाव में बीजेपी दोबारा जीत कर आई, अब बीजेपी हैट्रिक लगाने के लिए मैदान में उतर चुकी है. वहीं, कांग्रेस को यहां की परंपरा से काफी उम्मीदे हैं. 8 विधानसभा सीटों वाले इस लोकसभा क्षेत्र में 5 विधानसभा सीटें श्रीगंगानगर की ही हैं. इनमें सादुलशहर, गंगानगर, करनपुर, सूरतगढ़ और रायसिंह नगर आते हैं, वहीं बाकी तीन सीटें हनुमानगढ़ जिले की सांगरिया, हनुमानगढ़ और पीलीबंगा लगती हैं. सीटिंग सांसद निहाल चंद मेघवाल ने इस सीट पर साल 2014 में जीत के बाद 2019 के लोकसभा चुनावों में भी करीब 4 लाख वोटों से जीत हासिल की थी. आजादी के साथ ही अस्तित्व में आइ इस लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 1952 में हुआ था. उस समय कांग्रेस के पन्नालाल बरुपाल यहां से सांसद चुने गए थे जो कि 1971 तक लगातार यहां से सांसद चुने जाते रहे.
इस बार के लोकसभा चुनाव में श्रीगंगानगर सीट पर बीजेपी ने अपने प्रत्याशी को बदलकर सबको चौंका दिया है. भाजपा ने 4 बार सांसद रह चुके निहालचंद मेघवाल को टिकट ना देकर अनूपगढ़ नगर परिषद की सभापति प्रियंका बैलान को अपना प्रत्याशी बनाया है. वही दुसरी तरफ कांग्रेस ने कुलदीप इंदौरा को अपना प्रत्याशी चुना है. आपको बता दे इंदौरा श्रीगंगानगर जिला प्रमुख हैं और वे राजनीतिक परिवार से आते हैं. इंदौरा अनूपगढ़ विधानसभा से 2 बार विधायक का चुनाव भी लड़ चुके हैं लेकिन दोनों ही बार उन्हें हार झेलनी पड़ी थी.
वहीं बात करे BJP प्रत्याशी प्रियंका बैलान की तो उनका ससुराल अरोड़वंश समुदाय में होने के कारण कांग्रेस पार्टी उनके जनरल कैटेगरी वाले परिवार की बहू होने का मुद्दा जोरो-शोरो से उठा रही है. पार्टी का दावा है कि एससी की रिजर्व सीट पर भी बीजेपी जनरल प्रत्याशी का कब्जा करवाना चाह रही है. अब तक हुए 16 लोकसभा चुनावों की बात करें, तो इस सीट पर बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस ने 10 बार जीत दर्ज की है, लेकिन लोकसभा चुनाव-2019 और 2004 में बीजेपी ने मोदी लहर के तहत कांग्रेस को इस सीट से बाहर ही रखा है.
श्रीगंगानगर लोकसभा सीट बेहद दिलचस्प सीट इसलिए कही जा रही है क्योंकि प्रियंका बैलान और कुलदीप इंदौरा का सीधा मुकाबला यहां दिखाई दे रहा है. अब ऊंट किस करवट बैठता है ये तो आने वाली 4 जून को ही पता चल पाएगा.