टिकट बंटवारे के तुरंत बाद भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी मुखर होकर सामने आने लगी है। टिकट ना मिलने के कारण अब नेताओं ने बागी के तौर पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान तक कर दिया है।
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Uttarakhand Election 2022 : टिकट वितरण के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी मुखर होकर सामने आने लगी है। टिकट बंटवारे के तुरंत बाद गढ़वाल मंडल के कई क्षेत्रीय नेता खफा हो गए और उन्होंने बागी के तौर पर चुनाव लड़ने का एलान तक कर दिया है। वहीं अब कुमाऊं मंडल में भी भाजपा नेताओं ने नाराजगी जतानी शुरू कर दी है।
कई नेताओं ने इस्तीफे का किया ऐलान
अब तक करीब 6 विधानसभा सीटों पर कई नेताओं और पार्टी पदाधिकारियों ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। भाजपा को सबसे अधिक विरोध पिथौरागढ़ जिले की सीमांत धारचूला सीट पर झेलना पड़ रहा है। पार्टी ने यहां से धन सिंह धामी को उम्मीदवार बनाया है।
इस घोषणा के बाद 12 के करीब नेताओं ने सामूहिक इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। इनमें मंडल महामंत्री मनोज कुमार भी शामिल हैं। इस्तीफे का ऐलान करते हुए मनोज कुमार ने कहा कि पार्टी हमेशा धारचूला की उपेक्षा करती है। इस सीट को चुनाव लड़ाने की प्रयोगशाला बना दिया गया है।
कैबिनेट मंत्री पर लगाया समर्थकों को नजरअंदाज करने का आरोप
इसके अलावा पार्टी को द्वाराहाट, नैनीताल, भीमताल और गदरपुर सीट पर भी विरोध का सामना करना झेलना पड़ रहा है। गदरपुर सीट पर कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे का विरोध रविन्द्र बजाज कर रहे हैं। रविन्द्र बजाज ने कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे पर आरोप लगाते हुए कहा है कि 32 सालों में पार्टी ने उनका कभी सम्मान नहीं किया। उनके समर्थकों को पांडे हमेशा नजरअंदाज करते रहे हैं।
उनका दावा है कि उनके समर्थन में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य संतोष गुप्ता, बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के सदस्य राजीव त्यागी, सभासद परमजीत सिंह, अमर सिंह ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। अपने समर्थकों के साथ बैठकर वह आगे की रणनीति बनाने की बात कर रहे हैं।
पार्टी पर लगाया गंभीर आरोप
अल्मोड़ा जिले की द्वाराहाट विधानसभा सीट पर जिला उपाध्यक्ष कैलाश भट्ट विरोध कर रहे हैं। इनका विरोध वर्तमान विधायक का टिकट कटने से है। पार्टी ने वर्तमान विधायक महेश नेगी का टिकट काटकर अनिल शाही को उम्मीदवार बनाया है। कैलाश भट्ट का कहना है कि यहां पार्टी ने यौन शोषण के आरोपी को टिकट दिया है। इन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया है।
सरिता आर्य को टिकट मिलने से पार्टी में विरोध
इसी प्रकार अल्मोड़ा सीट से वर्तमान विधायक रघुनाथ सिंह चौहान नाराज हैं। उनका टिकट भी काटा गया है। रघुनाथ सिंह चौहान टिकट कटने से इस कदर नाराज हैं कि वह मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हो रहे हैं। नैनीताल विधानसभा सीट पर कांग्रेस से भाजपा में आई सरिता आर्य को टिकट मिलने से विरोध हो रहा है।
वह टिकट मिलने से दो दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुई थी। यहां इनका विरोध मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जन संपर्क अधिकारी दिनेश आर्य कर रहे हैं। इनके अलावा यहां टिकट के प्रबल दावेदार हेम आर्य, अनुसूचित मोर्चा के जिला अध्यक्ष प्रकाश चंद्र भी सरिता का विरोध कर रहे हैं।
नैनीताल में भाजपा को लगा बड़ा झटका
नैनीताल जिले के ही भीमताल विधानसभा सीट पर भी पार्टी को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। यहां मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष मनोज शाह बागी बन गए हैं। यहां के सूत्रों ने बताया है कि आज भीमताल में उनके नेतृत्व में हुई बैठक के बाद इन्होंने अपने 300 कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
इसी तरह किच्छा, गंगोलीहाट और बागेश्वर की कपकोट विधानसभा सीटों पर विरोध शुरू हो गए हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि यदि इन लोगों की नाराजगी जल्द ही दूर न की गई तो चुनाव में इसका नुकसान हो सकता है।