आखिरकार वो ही हुआ जिसकी उम्मीद थी। सवाल ये ही था कि क्या मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईडी के दफ्तर पहुंचेंगे या नहीं। संशय से बरकरार था। सुबह 11 बजे की समय सीमा बीत चुकी थी।
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रांची। आखिरकार वो ही हुआ जिसकी उम्मीद थी। सवाल ये ही था कि क्या मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईडी के दफ्तर पहुंचेंगे या नहीं। संशय से बरकरार था। सुबह 11 बजे की समय सीमा बीत चुकी थी। ऐसे में यह कयास लगाया जा रहे थे कि अब शायद ही सीएम ईडी दफ्तर पहुंचे, लेकिन बीच बीच में खबरें उड़ रही थी कि दिन के समय किसी भी वक्त सीएम हेमंत सोरेन ईडी दफ्तर पहुंच सकते हैं।
हालांकि एजेंसी के दफ्तर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त थे मगर सीएम हेंमत ईडी के दफ्तर नहीं पहुंचे जी एक बार फिर वो ही देखने को मिल रहा जो पिछली बार देखने को मिला था। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ईडी दफ्तर में पेश नहीं हुए। सीएम को ईडी ने दूसरा समन भेजकर 24 अगस्त को ईडी के रांची जोनल ऑफिस में पूछताछ के लिए मौजूद रहने के लिए कहा था। खैर सीएम हेमंत तो नहीं आए मगर सीएम ऑफिस से डाकिया जरूर आया।
डाकिया डाक लेकर आया मगर डाक में क्या था डाकिया ने ये नहीं बताया पिछली बार भी सीएम ने ईडी को पत्र भेजकर कहा था कि केंद्रीय एजेंसी पिछले एक साल से उन्हें इसलिए परेशान कर रही है कि उनकी सरकार केंद्र सरकार के साथ नहीं है। सोरेन ने ईडी से समन वापस लेने का आग्रह किया था, ऐसा नहीं करने पर उन्होंने कानूनी सहारा लेने की बात भी कही।
हालांकि इसके बावजूद ईडी ने उन्हें दूसरा समन भेजकर 24 अगस्त को पेशी के लिए फिर से कानूनी न्यौता भेज दिया था मगर इस बार भी सीएम का ईडी दफ्तर न पहुंचना संकेत दे रहा है कि हेमंत कानूनी लड़ाई की तैयारी कर चुके हैं और उनके कदम कोर्ट की चौखहट की तरफ बढ़ चुका है अब सवाल इस बात का उठता हैं कि जब सीएम हेमंत सोरेन पाक साफ हैं तो उनको ईडी से डर क्यों लगता है।
ईडी के साथ आंख मिचोली का खेल क्यों और कौन खेल रहे हैं। क्या वाकाई दाल में कुछ काला हैं या फिर वाकाई में केंद्र के इशारे पर हेमंत को डराया जा रहा है। ये सवाल बड़े हैं मगर इस बीच खबर ये भी आई कि साहेबगंज जिले में अवैध खनन की जांच करने के लिए सीबीआई की टीम गुरुवार सुबह वनांचल एक्सप्रेस से साहेबगंज पहुंची। यहां सीबीआई की टीम अवैध खनन और परिवहन मामले की जांच करेगी।
क्योंकि बीते 18 अगस्त को झारखंड हाइकोर्ट ने साहेबगंज में अवैध खनन की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया था यानि शिकंजा कसता हुआ दिख रहा है क्योंकि 14 अधिकारियों पर पहले से ही ईडी की गिरफ्त में है। ऐसे में अब ईडी अगला कदम क्या होता है ये देखना बाकी है।