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उत्तराखंड के मदरसों में पढ़ रहे गैरमुस्लिम बच्चे, मदरसों की मैपिंग के बाद सौंपी गई रिपोर्ट से हुआ खुलासा

उत्तराखंड में अवैध रूप से चलाए जा रहे मदरसों पर सरकार की कार्रवाई के बीच एक ऐसी रिपोर्ट के खुलासे ने सभी को चौंका दिया है। जिसमें कई मदरसों में गैर मुस्लिम यानि हिंदू परिवारों के बच्चे भी तालीम लेते हुए नजर आ रहे हैं। हिंदू परिवारों के बच्चों की इस तालीम पर अब सियासत भी गर्म हो गई है।

By Rakesh 

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देहरादून उत्तराखंड में अवैध रूप से चलाए जा रहे मदरसों पर सरकार की कार्रवाई के बीच एक ऐसी रिपोर्ट के खुलासे ने सभी को चौंका दिया है। जिसमें कई मदरसों में गैर मुस्लिम यानि हिंदू परिवारों के बच्चे भी तालीम लेते हुए नजर आ रहे हैं। हिंदू परिवारों के बच्चों की इस तालीम पर अब सियासत भी गर्म हो गई है।

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सभी मदरसों की जांच के दिए गए निर्देश

उत्तराखंड में स्थित सभी मदरसों की जांच के निर्देश दिए जा चुके हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को मदरसों की मैपिंग के बाद जो रिपोर्ट सौंपी गई थी। उसमें इस बात का खुलासा हुआ था कि उत्तराखंड के 30 मदरसों में पढ़ने वाले 7399 बच्चों में से 749 गैर मुस्लिम बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। यह सभी 30 मदरसे वह हैं, जो उत्तराखंड मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त हैं और जिनकी संख्या हरिद्वार, नैनीताल और उधमसिंह नगर में है।

मदरसों पर बच्चों की संख्या को बढ़ाकर सरकारी ग्रांट लेने का आरोप

इस रिपोर्ट के खुलासे से उत्तराखंड में नई बहस ने जन्म ले लिया है। जिसमें कांग्रेस सत्ताधारी दल भाजपा पर, तो भाजपा सिस्टम पर आरोप लगा रही है। उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इस मामले में जो बयान दिया है, उसने मदरसों के प्रबंधन पर सवालिया निशान लगा दिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने विपक्ष के सवालों के बीच ऐसा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने मदरसों पर बच्चों की संख्या को बढ़ाकर सरकारी ग्रांट लेने का आरोप लगाया है।

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यही नहीं उन्होंने मदरसों पर यह भी आरोप लगाया है कि कई जगह बच्चों के केवल नाम इस्तेमाल किए जा रहे हैं, जबकि गैर मुस्लिम बच्चे वहां पढ़ने जाते ही नहीं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बयान पर मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने सभी मदरसों की जांच करने की बात कही है।

उन्होंने कहा कि इस मामले का संज्ञान लिया गया है और प्रदेश के सभी मदरसों की जांच भी कराई जा रही है। अभी तक ऐसा कोई भी सबूत नहीं मिला है,जिससे यह साबित किया जा सके कि मदरसों में सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए बच्चों की संख्या को बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी तक की रिपोर्ट सकारात्मक है जबकि आगे अभी भी जांच की जा रही है।

कांग्रेस ने कहा- राज्य सरकार की बड़ी नाकामी आई सामने

मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा है कि इस बात की भी जांच की जा रही है कि मदरसों में पढ़ने वाले गैर मुस्लिम बच्चों को धर्म परिवर्तन करने के लिए जोर तो नहीं डाला जा रहा। विपक्षी पार्टी कांग्रेस की तरफ से इस मामले में सरकार को आइना दिखाने का काम किया जा रहा है। कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसोनी की मानें तो यह राज्य सरकार की बड़ी नाकामी है और शिक्षा विभाग की असफलता, जिसमें विभाग अब भी जागने का काम नहीं कर रहा है।

उत्तराखंड में अगर सरकारी महकमों की बात की जाए तो सबसे ज्यादा कर्मचारी शिक्षा विभाग के हैं। शिक्षा विभाग उत्तराखंड के कोने-कोने पर फैला हुआ नजर भी आता है, लेकिन मदरसों में पढ़ रहे गैर मुस्लिम बच्चों को लेकर यही कहा जा सकता है कि उत्तराखंड का शिक्षा विभाग नाकाम है और विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। यही वजह है कि बच्चों को पढ़ाई के लिए दूसरे मजहब की ओर जाना पड़ रहा है।

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