प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पर्यावरण रक्षा के भारत के प्रयास बहुआयामी रहे हैं। भारत ये प्रयास तब कर रहा है जब जलवायु परिवर्तन में भारत की भूमिका ना के बराबर है। विश्व के बड़े आधुनिक देश ना केवल धरती के ज्यादा से ज्यादा संसाधनों का दोहन कर रहे हैं, बल्कि सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन उन्हीं के खाते में जाता है।
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नई दिल्ली, 05 जून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के मौके पर कहा कि भारत ने आज पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है। आपको ये जानकर भी गर्व होगा कि भारत ने इस लक्ष्य को तय समय से 5 महीने पहले ही हासिल कर लिया है।
भारत ये प्रयास तब कर रहा है जब Climate Change में भारत की भूमिका न के बराबर है।
विश्व के बड़े आधुनिक देश न केवल धरती के ज्यादा से ज्यादा संसाधनों का दोहन कर रहे हैं बल्कि सबसे ज्यादा carbon emission उन्ही के खाते में जाता है।
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दुनिया के बड़े देश पर्यावरण को ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘मिट्टी बचाओ आंदोलन’ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने इस दौरान कहा कि पर्यावरण रक्षा के भारत के प्रयास बहुआयामी रहे हैं। भारत ये प्रयास तब कर रहा है जब जलवायु परिवर्तन में भारत की भूमिका ना के बराबर है। विश्व के बड़े आधुनिक देश ना केवल धरती के ज्यादा से ज्यादा संसाधनों का दोहन कर रहे हैं, बल्कि सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन उन्हीं के खाते में जाता है।
स्वच्छ भारत मिशन हो या waste to wealth से जुड़े कार्यक्रम हो, अमृत मिशन के तहत शहरों में आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स का निर्माण हो, या सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति का अभियान या नमामि गंगे के तहत गंगा स्वच्छता का अभियान, पर्यावरण रक्षा के भारत के प्रयास बहुआयामी रहे हैं। pic.twitter.com/fLSaNm1j8r
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पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 8 सालों में सभी सरकारी योजनाएं किसी ना किसी रूप में पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी हुई हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार मिट्टी को बचाने के लिए 5 प्रमुख बातों पर फोकस कर रही है।
* पहला- मिट्टी को केमिकल फ्री कैसे बनाया जाए।
* दूसरा- मिट्टी में मौजूद जीवों को कैसे बचाएं।
* तीसरा- मिट्टी की नमी को कैसे बनाए रखा जाए।
* चौथा- भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर किया जाए।
* पांचवां- वनों का दायरा कम होने से मिट्टी का जो लगातार क्षरण हो रहा है, उसे कैसे रोकें।
तीसरा- मिट्टी की नमी को कैसे बनाए रखें, उस तक जल की उपलब्धता कैसे बढ़ाएं।
चौथा- भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर करें।
और पांचवा, वनों का दायरा कम होने से मिट्टी का जो लगातार क्षरण हो रहा है, उसे कैसे रोकें।
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मार्च से देश में 13 बड़ी नदियों के संरक्षण का अभियान शुरू
वहीं देश के किसानों को सरकार द्वारा ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ उपलब्ध कराने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले हमारे देश के किसान के पास इस जानकारी का अभाव था कि उसकी मिट्टी किस तरह की है, उसकी मिट्टी में कौन सी कमी है, कितनी कमी है। इस समस्या को दूर करने के लिए देश में किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड देने का बहुत बड़ा अभियान चलाया गया। उन्होंने कहा कि हम ‘कैच द रेन’ जैसे अभियानों के माध्यम से जल संरक्षण से देश के जन-जन को जोड़ रहे हैं। इस साल मार्च में ही देश में 13 बड़ी नदियों के संरक्षण का अभियान भी शुरू हुआ है। इसमें पानी में प्रदूषण कम करने के साथ-साथ नदियों के किनारे वन लगाने का भी काम किया जा रहा है।
हम catch the rain जैसे अभियानों के माध्यम से जल संरक्षण से देश के जन-जन को जोड़ रहे हैं।
इस साल मार्च में ही देश में 13 बड़ी नदियों के संरक्षण का अभियान भी शुरू हुआ है।
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इसमें पानी में प्रदूषण कम करने के साथ-साथ नदियों के किनारे वन लगाने का भी काम किया जा रहा है। pic.twitter.com/s5KMXVFPYn
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत आज जैव विविधता और वन्यजीव से जुड़ी जिन नीतियों पर चल रहा है, उसने वन्य-जीवों की संख्या में भी रिकॉर्ड वृद्धि की है। आज चाहे बाघ हो, शेर हो, तेंदुआ हो या फिर हाथी सभी की संख्या देश में बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में सरकार ने तय किया है कि गंगा के किनारे बसे गांवों में नैचुरल फार्मिंग को प्रोत्साहित करेंगे, नैचुरल फॉर्मिंग का एक विशाल कॉरिडोर बनाएंगे। इससे हमारे खेत तो केमिकल फ्री होंगे ही, नमामि गंगे अभियान को भी नया बल मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने अपनी स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत गैर-जीवाश्म-ईंधन आधारित स्रोत से हासिल करने का लक्ष्य तय किया था। ये लक्ष्य भारत ने तय समय से 9 साल पहले ही हासिल कर लिया है।
इस साल के बजट में हमने तय किया है कि गंगा के किनारे बसे गांवों में नैचुरल फार्मिंग को प्रोत्साहित करेंगे, नैचुरल फॉर्मिंग का एक विशाल कॉरिडोर बनाएंगे।
इससे हमारे खेत तो कैमिकल फ्री होंगे ही, नमामि गंगे अभियान को भी नया बल मिलेगा।
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