कमीशन ऑफ पर्संस विथ डिसेबिलिटीज के प्रमुख का पद, रिहैबिलिएशन काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरपर्सन का पद, नेशनल ट्रस्ट फॉर द वेलफेयर ऑफ पर्संस विथ ऑटिज्म के चेयरपर्सन का पद महीनों से खाली पड़ा है।
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नई दिल्ली, 20 अप्रैल। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिव्यांगों के कल्याण के लिए बनी संवैधानिक संस्थाओं में खाली पड़े पदों पर केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई है। कार्यकारी चीफ जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वो ये नहीं समझ पा रही है कि इन संस्थाओं में खाली पड़े पदों को समय पर भरा क्यों नहीं जाता है?। मामले में अगली सुनवाई 11 मई को होगी।
खाली पड़े पदों की जानकारी
बतादें कि याचिका संजय वर्मा ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील एके भारद्वाज ने कहा कि दिव्यांगों के कल्याण के लिए गठित कई संस्थाओं में महत्वपूर्ण पद खाली पड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि कमीशन ऑफ पर्संस विथ डिसेबिलिटीज के प्रमुख का पद, रिहैबिलिएशन काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरपर्सन का पद, नेशनल ट्रस्ट फॉर द वेलफेयर ऑफ पर्संस विथ ऑटिज्म के चेयरपर्सन का पद महीनों से खाली पड़ा है।
कोर्ट का केंद्र सरकार को एक हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश
वहीं सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वो हलफनामा दायर कर ये बताए कि दिव्यांगों के लिए गठित संवैधानिक संस्थाओं में कितने महीने से पद खाली हैं। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ये भी बताए कि उन खाली पड़े पदों पर नियुक्ति के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं और इन पदों पर नियुक्ति कब तक हो जाएगी। कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक हफ्ते में इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।