भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने एंड्रायड मोबाइल उपकरणों से संबंधित एंटी-कॉम्पिटिटिव प्रैक्टिस के लिए गूगल पर 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने Google को यह भी आदेश दिया कि वह स्मार्टफोन निर्माताओं को विशेष रूप से अपनी खोज सेवाओं को चलाने के लिए कोई प्रोत्साहन न दे।
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Google Fined: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग(CCI) ने गुरुवार को Google पर 1337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। एंड्रॉयड मोबाइल डिवाइस इकोसिस्टम में कई बाजारों में अपनी मजबूत स्थिति का गलत इस्तेमाल करने को लेकर यह कार्रवाई की गई है. आयोग ने Google को “निर्धारित समय के भीतर अपने आचरण को संशोधित करने” का भी निर्देश दिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, स्मार्ट मोबाइल उपकरणों को एप्लिकेशन (एप्लिकेशन) और प्रोग्राम चलाने के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) की आवश्यकता होती है। Android एक ऐसा मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे 2005 में Google द्वारा अधिग्रहित किया गया था। आयोग ने इस एंड्रॉइड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम और Google के विभिन्न मालिकाना मोबाइल एप्लिकेशन, जैसे कि Play Store, Google Search, Google Chrome, YouTube, आदि के लाइसेंस के संबंध में Google की विभिन्न प्रथाओं की जांच की।
CCI imposes monetary penalty of ₹ 1337.76 crore on Google for abusing dominant position in multiple markets in the Android Mobile device ecosystem.
Press Release: https://t.co/sXXA0RvK51#Antitrust #AntitrustOrder #antitrustlaw #Google #CCI pic.twitter.com/FE5Yh8PWr4— CCI (@CCI_India) October 20, 2022
आपको बता दें कि, सीसीआई(CCI) ने गूगल(Google) को अनुचित कारोबारी गतिविधियों को रोकने और बंद करने का निर्देश दिया है. आयोग ने गुरुवार को आधिकारिक जानकारी में कहा गया कि गूगल को एक निर्धारित समय-सीमा के भीतर अपने कामकाज के तरीके को संशोधित करने का निर्देश भी दिया गया है.
सीसीआई ने अप्रैल 2019 में दिया था जांच का आदेश
सीसीआई ने अप्रैल 2019 में देश में एंड्रॉयड आधारित स्मार्टफोन के उपभोक्ताओं की शिकायतों के बाद मामले की विस्तृत जांच का आदेश दिया था. गूगल पर एप्लिकेशन डिस्ट्रीब्यूशन एग्रीमेंट (MDA) और एंटी फ्रैगमेंटेशन एग्रीमेंट (AFA) जैसे दो समझौतों में गलत कारोबारी गतिविधियां अपनाने का आरोप लगाया गया था.
CCI ने की जांच
सीसीआई की ओर से जारी बयान में बताया गया कि स्मार्ट मोबाइल उपकरणों को एप्लिकेशन और प्रोग्राम चलाने के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) की आवश्यकता होती है. एंड्रॉयड एक ऐसा मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे 2005 में गूगल द्वारा अधिग्रहित किया गया था. आयोग ने एंड्रॉयड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम को लाइसेंस देने और गूगल के विभिन्न मालिकाना मोबाइल एप्लिकेशन (जैसे Play Store, Google Search, Google Chrome, YouTube आदि) को लेकर गूगल की विभिन्न प्रैक्टिस की जांच की है.
सीसीआई ने कहा कि एमएडीए के तहत गूगल मोबाइल सूट (GMS) को अनिवार्य रूप से पहले से इंस्टॉल करना उपकरण निर्माताओं पर अनुचित स्थिति थोपने के बराबर है. इस तरह यह प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन करता है.
आपको बता दें कि गूगल लगातार सवालों में घिरी हुई है. भारत के अलावा यूरोप, अमेरिका और दक्षिण कोरिया में भी कंपनी को आरोपों का सामना करना पड़ रहा है. यूरोप में उस पर आरोप हैं कि कंपनी सर्च में गूगल शॉपिंग को बढ़ावा दे रही है. वहीं अपने एप को प्राथमिकता देने और ऑनलाइन एड में कंपटीशन खत्म करने का आरोप है. वहीं अमेरिका में कंपनी पर सर्च में खास नतीजों और गूगल पे सर्विस को को प्राथमिकता देने का आरोप है. इन मामलों में कंपनी पर अरबों डॉलर का जुर्मान लग चुका है.