बालको चिमनी कांड मामले में हाईकोर्ट का अहम फैसला आया हैं। कोर्ट ने सेपको,चाइना की कंपनी और जीडीसीएल और एमसीसीबीएस के 13 अधिकारियों के खिलाफ धारा 304 ए और 201 के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। कोरबा के जिला न्यायलय ने दोनों ही धाराओं के तहत सभी 13 अधिकारियों के खिलाफ आरोप तय किया था। जिसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
Updated Date
कोरबा। बालको चिमनी कांड मामले में हाईकोर्ट का अहम फैसला आया हैं। कोर्ट ने सेपको,चाइना की कंपनी और जीडीसीएल और एमसीसीबीएस के 13 अधिकारियों के खिलाफ धारा 304 ए और 201 के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। कोरबा के जिला न्यायलय ने दोनों ही धाराओं के तहत सभी 13 अधिकारियों के खिलाफ आरोप तय किया था। जिसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
सन् 2009 को कोरबा बालको में 230 मीटर ऊंची निर्माणाधीन चिमनी भरभरा कर गिर गई थी। जिसमें लगभग 40 मजदूरों की मौत हो गई थी। कोरबा जिले के इतिहास में घटी सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटना बालको चिमनी कांड को लेकर उच्च न्यायालय का अहम फैसला सामने आया है। 30 सितंबर 2009 को घटी इस घटना में पूरे 14 साल बाद बिलासपुर हाईकोर्ट ने सेपको,जीडीसीएल और एमसीसीबीएस के 13 अधिकारियों के खिलाफ कोरबा के न्यायालय में मुकदमा जारी रखने का फैसला दिया है।
कोरबा के जिला व सत्र न्यायालय ने सभी 13 अधिकारियों के खिलाफ धारा 304 ए और 201 का आरोप तय किया था। जिसे सभी 13 अधिकारियों ने हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिविजन किया था जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया और सभी के खिलाफ दोनों ही धाराओं के तहत केस चलाने का आदेश दिया है।
हादसे में मारे गए मजदूरों के परिजनों को न्याय मिलने की जगी उम्मीद
गौरतलब है कि तत्कालीन समय में बालको की निर्माणाधीन चिमनी गिर गई थी। जिससे 40 मजदूरों की जान चली गई थी। जांच के दौरान चिमनी की गुणवत्ता को खराब पाया था। लंबे समय बाद आए इस फैसले के बाद एक बार फिर हादसे में मारे गए मजदूरों के परिजनों को न्याय मिलने की उम्मीद जाग उठी है।