Booking.com

राज्य

  1. हिन्दी समाचार
  2. तकनीक
  3. Indian Navy : इस महीने नौसेना को मिलेगा देश का पहला एयरक्राफ्ट कैरियर INS ‘विक्रांत’

Indian Navy : इस महीने नौसेना को मिलेगा देश का पहला एयरक्राफ्ट कैरियर INS ‘विक्रांत’

एयरक्राफ्ट कैरियर INS 'विक्रांत' आजादी की 75वीं वर्षगांठ के समय देश को समर्पित किया जाएगा, स्वदेशी विमान वाहक IAC-01 'आत्मनिर्भर भारत' का शानदार उदाहरण है।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

नई दिल्ली, 02 मई। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS ‘विक्रांत’ इसी महीने भारतीय नौसेना को सौंप देगा। IAC-01 के रूप में पहचाने जाने वाला ये जहाज आजादी की 75वीं वर्षगांठ के समय देश को समर्पित किया जाएगा। इसके बाद भारतीय नौसेना आने वाले सालों में दुनिया की शीर्ष 3 नौसेनाओं में से एक बन जाएगी। ये स्वदेशी विमान वाहक ‘आत्मनिर्भर भारत’ का एक शानदार उदाहरण है।

पढ़ें :- PM मोदी आज रहेंगे पश्चिम बंगाल दौरे पर , भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में करेंगे चुनावी जनसभा

अगले हफ्ते तक पूरा होगा अंतिम समुद्री परीक्षण

स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर (IAC) INS विक्रांत का निर्माण 28 फरवरी, 2009 से कोच्चि के कोचीन शिपयार्ड में शुरू किया गया था। 2 साल में निर्माण पूरा होने के बाद विक्रांत को 12 अगस्त, 2013 को लॉन्च किया गया था। IAC विक्रांत का पहला परीक्षण पिछले साल अगस्त में और दूसरा समुद्री परीक्षण अक्टूबर में किया जा चुका है। इसी साल स्वदेशी विमान वाहक ‘विक्रांत’ को तीसरे समुद्री परीक्षणों के लिए भेजा गया है। CSL के निदेशक (तकनीकी) बिजॉय भास्कर के मुताबिक अगले हफ्ते तक IAC का अंतिम समुद्री परीक्षण पूरा हो जाएगा। इसके बाद इसी माह के आखिरी तक IAC भारतीय नौसेना को सौंप देंगे, जिसके बाद भारत का पहला विमानवाहक पोत इस साल अगस्त में स्वतंत्रता दिवस पर देश को समर्पित किया जाएगा।

पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता प्रदान करेगा

इस आधुनिक विमान वाहक पोत के निर्माण के दौरान डिजाइन बदला गया है, जिसका वजन 37 हजार 500 टन से बढ़ाकर 40 हजार टन से ज्यादा कर दिया गया। इसी तरह जहाज की लंबाई 252 मीटर (827 फीट) से बढ़कर 260 मीटर (850 फीट) हो गई। ये 60 मीटर (200 फीट) चौड़ा है। इसे मिग-29 और अन्य हल्के लड़ाकू विमानों के संचालन के लिए डिजाइन किया गया है। इस पर लगभग 30 विमान एक साथ ले जाए जा सकते हैं, जिसमें लगभग 25 ‘फिक्स्ड-विंग’ लड़ाकू विमान शामिल होंगे। इसमें लगा कामोव का-31 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग भूमिका को पूरा करेगा और भारत में ही तैयार ये जहाज नौसेना को पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता प्रदान करेगा।

पढ़ें :- जम्मू-कश्मीर: सोपोर में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया

CSL को 2020-21 में हुआ 610.10 करोड़ का मुनाफा

अधिकारियों ने कहा कि कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड छोटी नावों से लेकर विमानवाहक पोत जैसे बड़े जहाज बना सकता है। CSL 2023 तक कोच्चि के वेलिंगटन द्वीप में अंतरराष्ट्रीय जहाज मरम्मत सुविधा (ISRF) के लिए काम पूरा करने की उम्मीद कर रहा है। CSL ने 1994 से लगातार सकारात्मक वृद्धि हासिल की है, पिछले साल कोरोना महामारी की वजह से नकारात्मक परिणाम मिले हैं। 2020-21 में CSL की सकल आय 3,012.76 करोड़ रुपये थी और इसी अवधि में शुद्ध लाभ 610.10 करोड़ रुपये था। इस कंपनी में केंद्र सरकार की 72.86 फीसदी हिस्सेदारी है।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook, YouTube और Twitter पर फॉलो करे...
Booking.com
Booking.com
Booking.com
Booking.com