विधायक सरयू राय के खिलाफ डोरंडा थाने में दर्ज प्राथमिकी में ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के उल्लंघन की शिकायत की गई है। ये मामला स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर कोरोना प्रोत्साहन राशि में अनियमितता के आरोप से जुड़ा है।
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रांची, 03 मई। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बेहद करीबी रहे पूर्व मंत्री सरयू राय पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आदेश पर रांची के डोरंडा थाने में FIR दर्ज कराई गई है। स्वास्थ्य विभाग ने FIR दर्ज कराते हुए सरकारी दस्तावेजों की गोपनीयता भंग करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। इससे पहले बन्ना गुप्ता ने सरयू राय पर जमशेदपुर की कोर्ट में कोरोना प्रोत्साहन राशि में घोटाला करने के मानहानि का केस भी दायर किया है। विधायक सरयू राय के खिलाफ डोरंडा थाने में दर्ज प्राथमिकी में ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के उल्लंघन की शिकायत की गई है। ये मामला स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर कोरोना प्रोत्साहन राशि में अनियमितता के आरोप से जुड़ा है।
कोरोना प्रोत्साहन राशि से संबंधित दस्तावेज का मामला
मंत्री बन्ना गुप्ता के द्वारा पूर्व में ही इस एक्ट के तहत सरयू राय के खिलाफ कार्रवाई करने की सख्त चेतावनी दी गई थी। तब बन्ना गुप्ता ने सरयू को ये बताने को कहा था कि उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से कोरोना प्रोत्साहन राशि से संबंधित दस्तावेज किस माध्यम से मीडिया को जारी किए थे। इसके बाद भी सरयू राय ने अपने सूत्रों का खुलासा नहीं किया। जिस पर सरयू राय ने और नए दस्तावेज जारी कर कोरोना प्रोत्साहन राशि के अकाउंट ट्रांसफर डिटेल तक की तमाम जानकारी का खुलासा किया था।
सरयू एक बार फिर मंत्री बन्ना गुप्ता और सरकार पर आक्रामक
फिलहाल अब FIR के बाद हेमंत सोरेन सरकार की ओर से सरयू राय के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत मिलते ही पूरे मामले ने तूल पकड़ लिया है। सरयू राय एक बार फिर से मंत्री बन्ना गुप्ता और सरकार पर आक्रामक हैं। बीते दिनों ही उन्होंने इशारे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खदान लीज मामले में घेरते हुए कहा था कि आखिर वो पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को मोमेंटम झारखंड, मैनहर्ट और अन्य घोटालों से जुड़े मामले में क्लीन चिट क्यों नहीं दे देते?।
झारखंड में राजनीतिक उथलपुथल का दौर
बतादें कि झारखंड में राजनीतिक उथलपुथल का दौर चल रहा है। एक दिन पहले ही भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खदान लीज मामले में नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों नहीं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। निर्वाचन आयोग के मुताबिक इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जा सकता है। फिलहाल हेमंत सोरेन को उनका पक्ष रखने को कहा गया है। उधर सीएम हेमंत पर संभावित कार्रवाई को लेकर राज्य का सियासी माहौल गर्मया हुआ है।
डोरंडा थाना में दर्ज कराई गई FIR
स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव विजय वर्मा की शिकायत पर डोरंडा थाने में कांड संख्या 105/22 के तहत आफिसियल सीक्रेट एक्ट की धारा 5 और IPC की धारा 409, 379, 411, 120 B, 420 के तहत केस दर्ज किया गया। दर्ज मामले में सरयू राय पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने प्रेस और अन्य मीडिया के सामने कोरोना प्रोत्साहन राशि के भुगतान के संबंध में विभाग की फाइल के कई अंश को सार्वजनिक करते हुए स्वास्थ्य मंत्री पर कई आरोप लगाए हैं। जबकि संबंधित फाइल की छायाप्रति सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 या फिर अन्य वैधानिक रूप से उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई है। इससे साफ होता है कि कार्यालय के किसी कर्मी की मिलीभगत से वो कागजात उन्होंने अनधिकृत रूप से हासिल किए।
तो उधर मामले में बीजेपी सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने भी सोरेन सरकार और कांग्रेस को जमकर घेरा।
सरयू राय @roysaryu जी के उपर रंगदारी मॉंगने का केस उदाहरण है मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM जी व @INCIndia के घटियापन की, राय जी के लिए सबक़ भी है, यह समय ज्ञान का नहीं झारखंड की सुरक्षा के लिए शस्त्र उठाने का है,मिलकर लड़े
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) May 3, 2022
क्या है मामला
गौरतलब है कि विधायक सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री पर कोषांग के 59 कर्मियों को गलत ढंग से कोरोना प्रोत्साहन राशि देने के आरोप लगाए थे। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी मंजूरी दे दी थी। हालांकि वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन ट्रेजरी से राशि निकासी नहीं होने के कारण राशि का भुगतान नहीं हुआ था। कोरोना प्रोत्साहन राशि एक महीने के वेतन के समतुल्य उन पदाधिकारियों और कर्मियों को मिलना था, जिन्होंने कोरोना नियंत्रण में काम किया था। सरयू राय द्वारा मामला उठाने के बाद मंत्री ने राशि नहीं लेने की घोषणा की थी।