देहरादून के परेड ग्राउंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा के शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की शपथ ली।
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उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी ने 12वें मुख्यमंत्री के रूप में पद की शपथ ली। उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने धामी और उनके मंत्रिमंडल को शपथ दिलाई। धामी ने मुख्यमंत्री की शपथ लेते ही एक रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है, वह प्रदेश में लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले पहले नेता बन गए हैं। विधानसभा चुनावों में जीत के बाद भाजपा की ओर से उन्हें दूसरी बार मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया गया था।
इस मौके पर धामी के साथ ही कैबिनेट के लिए आठ मंत्रियों के नाम की घोषणा की गई। धामी की टीम में इस बार कैबिनेट में धन सिंह रावत, सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, गणेश जोशी, रेखा आर्य और प्रेमचंद अग्रवाल ने शामिल किये गए हैं। इसके अलावा बागेश्वर के विधायक चंदन राम व सितारगंज के विधायक सौरभ बहुगुणा को कैबिनेट में पहली बार जगह दी गई है। इन मंत्रियों ने भी नई कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की।
प्रधानमंत्री और भाजपा के शीर्ष नेता भी रहें मौजूद
धामी की ताजपोशी करने के लिए शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व भाजपा शासित अन्य राज्यों के सीएम व कई बड़े नेता मौजूद रहें। इस समारोह को देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित किया गया था। ऐसा पहली बार हुआ जब किसी मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह राजभवन की अपेक्षा परेड ग्राउंड पर किया गया।
शपथ ग्रहण के बाद धामी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक होगी
शपथ ग्रहण समारोह के ठीक बाद धामी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक होगी। कैबिनेट बैठक में धामी कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं। विधानसभा चुनाव 2022 से पहले धामी ने उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की बात कही थी। सूत्रों की बात माने धामी मंत्रिमंडल यूनिफॉर्म सिविल कोड पर कोई बड़ा फैसला ले सकती है।
पिछली कैबिनेट में थे 11 मंत्री
पिछली बार जब पुष्कर सिंह धामी ने शपथ ली थी तो उनके साथ 11 विधायक मंत्री बनाए गए थे। कैबिनेट में सतपाल महाराज, बंशीधर भगत, अरविंद पांडेय, हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, सुबोध उनियाल, बिशन सिंह चुफाल, गणेश जोशी, रेखा आर्य, धनसिंह रावत, स्वामी यतीश्वरानंद शामिल थे। इनमें से यशपाल आर्य और हरक सिंह रावत पार्टी छोड़कर कांग्रेस में चले गए थे।