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बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए Mumbai HC ने 20 हजार से ज्यादा मैंग्रोव पेड़ों को काटने की दी अनुमति

महाराष्ट्र में, जब भी कोई प्राधिकरण किसी सार्वजनिक परियोजना के लिए मैंग्रोव के पेड़ों को काटना आवश्यक समझता है, तो उसे अदालत से अनुमति लेनी पड़ती है।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

Bombay High Court: बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन (NHSRCL) को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए शहर और पालघर और ठाणे के पड़ोसी जिलों में लगभग 20,000 मैंग्रोव पेड़ों को काटने की अनुमति दी। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की खंडपीठ ने NHSRCL द्वारा मैंग्रोव पेड़ों को काटने की अनुमति के लिए दायर याचिका को स्वीकार कर लिया। उन्होंने इसे “सार्वजनिक महत्व” के कारण पूरा करने की अनुमति दी, सात शर्तों के अधीन, लाइव लॉ की रिपोर्ट की। आदेश की विस्तृत प्रति अभी प्रतीक्षित है।

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आपको बता दें कि, अदालत ने नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए मुंबई, पालघर और ठाणे के पड़ोसी जिलों में लगभग 20 हजार मैंग्रोव पेड़ों को काटने की इजाजत दे दी है. आपको बता दें कि साल 2018 के एक आदेश के अनुसातर राज्य भर में मैंग्रोव को काटने पर पाबंदी लगाई गई है और जब कोई प्राधिकरण किसी सार्वजनिक परियोजना के लिए मैंग्रोव काटना चाहता है तो उसे हाईकोर्ट से अनुमति लेनी होती है.

महाराष्ट्र में जब भी कोई ऑथारिटी किसी पब्लिक प्रोजेक्ट के लिए मैंग्रोव के पेड़ों को काटना जरूरी समझती है तो उसे हर बार हाई कोर्ट से इजाजत लेनी होती है। कोर्ट के आदेश के तहत जिस इलाके में मैंग्रोव के पेड़ हैं, उसके आसपास 50 मीटर का ‘बफर जोन’ बनाया जाना चाहिए, जिसमें किसी भी निर्माण गतिविधि या मलबे को गिराने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। NHSRCL ने 2020 में दायर याचिका में अदालत को आश्वस्त किया था कि पहले मैंग्रोव के जितने पेड़ों को काटे जाने की योजना थी, वह उनका 5 गुना पेड़ लगाएगा।

NGO ने किया था याचिका का विरोध
NHSRCL के आश्वासन के बावजूद ‘बॉम्बे एन्वायर्नमेंटल ऐक्शन ग्रुप’ नाम के एक NGO ने यह कहते हुए उसकी याचिका का विरोध किया था कि नए लगाए गए पौधों के जिंदा रहने की दर के बारे में कोई स्टडी नहीं हुई है, और यह भी नहीं पता है कि पेड़ों के काटे जाने का पर्यावरण पर क्या असर होगा। NHSRCL ने NGO द्वारा जताई गई आपत्तियों को खारिज करते हुए दावा किया था कि उसने इस प्रोजेक्ट के लिए पेड़ों की कटाई को लेकर जरूरी अप्रूवल हासिल कर लिया था और इसके कारण होने वाले नुकसान की भरपाई पौधे लगाकर की जाएगी।

बुलेट ट्रेन से घट जाएगा यात्रा का समय
बता दें कि अहमदाबाद और मुंबई के बीच प्रस्तावित 508 किलोमीटर लंबे हाई स्पीड रेल कॉरिडोर से दोनों शहरों के बीच का यात्रा का समय 6.5 घंटे से घटकर 2.5 घंटे रह जाने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि यात्रा के समय में आई इस कमी से पूरे क्षेत्र के विकास की रफ्तार तेज हो सकती है और साथ ही जनता को भी काफी सहूलियत मिल सकती है।

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