Booking.com

राज्य

  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तराखंड
  3. कांग्रेस में हरक सिंह रावत को लेकर फंसा पेंच दो हिस्सों में बंटे नेता, पढ़ें क्या है पूरा मामला ?

कांग्रेस में हरक सिंह रावत को लेकर फंसा पेंच दो हिस्सों में बंटे नेता, पढ़ें क्या है पूरा मामला ?

कांग्रेस ने शनिवार देर रात 53 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। लेकिन कांग्रेस को इन 53 नामों को तय करने के लिए भी काफी मशक्कत करना पड़ा है।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

Uttarakhand Election 2022 : काफी जद्दोजहद के बीच आखिरकार कांग्रेस ने शनिवार देर रात 53 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। पार्टी शुरू से बोलती रही है कि उसने लगभग सभी सीटों पर उम्मीदवार तय कर लिए हैं। सिर्फ तीन-चार सीटों पर ही निर्णय नहीं हो पाया है।

पढ़ें :- सीएम धामी का दो दिवसीय पिथौरागढ़ का कार्यक्रम आज, 10 बजे कानून,महिला सुरक्षा के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने संसदीय कार्य समिति की बैठक से बाहर आने के बाद भी इस बात को दोहराया था, लेकिन ऐसा है नहीं। कांग्रेस को इन 53 नामों को तय करने के लिए भी काफी मशक्कत करना पड़ा है।

हरीश रावत की सीट अभी तय नहीं

कांग्रेस डोईवाला, टिहरी, लैंसडाउन और नरेंद्रनगर जैसे महत्वपूर्ण सीट पर अपने उम्मीदवार अभी तय नहीं कर पायी है। यहां तक की मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार हरीश रावत की सीट भी पार्टी ने अभी तय नहीं की। बयानों में अपने को मजबूत दिखा रही कांग्रेस हरक सिंह रावत को लेकर भी अभी अधेरबून में हैं।

इसका कारण यह है कि डोईवाला और लैंसडाउन सीट पर उम्मीदवार तय नहीं करना। इतना तो तय है कि डोईवाला सीट पर कांग्रेस अपने पुराने एवं वरिष्ठ नेता हीरा सिंह को यहां से नहीं उतार रही क्योंकि उन्हें देहरादून के रायपुर से उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि हीरा सिंह बिष्ट डोईवाला से ही चुनाव लड़ते रहे हैं।

पढ़ें :- उत्तराखंड में नए नामों से जाने जाएंगे ये शहर और जिला, कहा: सरकार को चाहिए कि ठेट पहाड़ों में बेहतर सुविधा मुहैया करवाएं

हरक सिंह रावत को बताया जा रहा है फैक्टर

उनकी सीट बदलने का कारण हरक सिंह फैक्टर बताया जा रहा है। दरअसल, हरीश नहीं चाहते कि हरक सिंह चुनाव लड़ें जबकि प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल चाहते हैं कि वे चुनाव लड़ें। इसके पीछे उनका अपना स्वार्थ भी है। हरक सिंह रावत की श्रीनगर सीट पर भी अच्छी पकड़ है।

2017 के चुनाव में उनकी हार का एक कारण यह भी था कि तब हरक भाजपा में थे। इसलिए गणेश गोदियाल अपनी श्रीनगर सीट पर जीत सुनिश्चित करने के लिए हरक सिंह को लैंसडाउन से चुनाव लड़ना चाहते हैं, जबकि हरक की बहु अनुकृति खुद वहां से चुनाव लड़ना चाहती हैं।

टिकट के लिए दबाव बनाने में जुटे हरक सिंह

दूसरा, हरक सिंह कांग्रेस में आने के बाद फिर से पार्टी पर दो सीट के लिए दबाव बनाने लगे हैं। एक खुद के लिए और दूसरी अपनी बहु अनुकृति के लिए। इसमें उनका साथ गणेश गोदियाल और प्रतिपक्ष के नेता प्रीतम सिंह भी दे रहे हैं।

पढ़ें :- नैन्सी कॉन्वेंट कॉलेज में छात्राओं ने लगाया कॉलेज स्टाफ पर उत्पीड़न का आरोप, धरना-प्रदर्शन

पार्टी के विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल होने के लिए भले ही चुनाव नहीं लड़ने की हरीश रावत की शर्त को स्वीकार कर लिया हो लेकिन वे अभी भी पार्टी के अंदर अपने समर्थक नेताओं के जरिये टिकट के लिए तिकड़म भिड़ाये हुए हैं।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook, YouTube और Twitter पर फॉलो करे...
Booking.com
Booking.com
Booking.com
Booking.com