यूपी के कुशीनगर जिले की राजनीति में तेजी से जगह बना रहे इंजीनियर कमलेश सिंह की शनिवार की देर शाम को गोली मारकर हत्या कर दी गई। आधुनिक असलहों से बरसाई गईं 3 गोलियां लगने से इंजीनियर कमलेश सिंह ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
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कुशीनगर। यूपी के कुशीनगर जिले की राजनीति में तेजी से जगह बना रहे इंजीनियर कमलेश सिंह की शनिवार की देर शाम को गोली मारकर हत्या कर दी गई। आधुनिक असलहों से बरसाई गईं 3 गोलियां लगने से इंजीनियर कमलेश सिंह ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
इस दु:साहसिक हत्या के साथ ही करीब एक दर्जन लोगों की जान ले चुकी खूनी दुश्मनी की ज्वाला एकबार फिर धधकने लगी है। स्थिति की नजाकत भांपते हुए हाटा कोतवाली के गांव खागी मुंडेरा में भारी-भरकम पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। जिलाधिकारी व एसपी कुशीनगर घंटों तक खागी मुंडेरा गांव में जमे रहे। एडीएम, अपर पुलिस अधीक्षक, एसडीएम हाटा व सीओ कसया सहित तमाम अधिकारी गांव में कैंप किए हुए हैं।
खागी मुंडेरा गांव के साथ पूरे हाटा कोतवाली क्षेत्र में जबरदस्त आक्रोश
पूर्व नियोजित इस हत्याकांड में आरोपी पासवान परिवार के लोग फरार हो गये हैं। इंजीनियर कमलेश की हत्या को लेकर खागी मुंडेरा गांव ही नहीं पूरे हाटा कोतवाली क्षेत्र में जबरदस्त आक्रोश है। मल्ल- सैंथवार स्वाभिमान मोर्चा ने भी पीड़ित परिवार के समर्थन में अपने लोगों को गांव में पहुंचने की अपील की है। मृतक की मां जामवंती देवी सुकरौली क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य हैं। मृतक ने इंजीनियरिंग के साथ-साथ वकालत की भी डिग्री ले रखी थी और हाटा तहसील में प्रैक्टिस भी करते थे।
बता दें कि हाटा कोतवाली के गांव खागी मुंडेरा निवासी इंजीनियर कमलेश सिंह अपने पिता व एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी के साथ कहीं गए थे। शनिवार की शाम को करीब 7 बजे गांव वापस आने के बाद वह संतोष सिंह के घर पर चले गए।
इंजीनियर कमलेश सिंह अभी संतोष सिंह से बात कर ही रहे थे कि गांव का मौजूदा ग्राम प्रधान धर्मेन्द्र पासवान अपने लोगों के साथ वहां पहुंच कर अंधाधुंध गोलियां बरसाने लगा। तीन गोलियां लगने के बाद इंजीनियर कमलेश सिंह जमीन पर गिर पड़े। परिजन उन्हें पीएचसी सुकरौली लाए लेकिन डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। गोलियां चलाने के बाद धर्मेंद्र पासवान व उसके साथी फरार हो गए।
हाटा कोतवाली के गांव खागी मुंडेरा निवासी कमलेश सिंह के पिता राधाकृष्ण प्रताप सिंह और इसी गांव के निवासी व सुकरौली की पूर्व प्रमुख के पति सुकदेव पासवान के बीच लगभग 25 वर्षों से खूनी दुश्मनी चली आ रही है। सुकदेव पासवान व उनके परिजनों के आतंक के खिलाफ जब राधाकृष्ण प्रताप सिंह ने आवाज उठाई तो मामला खूनी दुश्मनी तक पहुंच गया।
दोनों पक्षों को मिला कर करीब दर्जनभर लोगों की हो चुकी है हत्या
इस खुनी दुश्मनी में एक के बाद एक दोनों पक्षों को मिला कर करीब दर्जनभर लोगों की हत्या हो चुकी है। उस समय कमलेश इंजीनियरिंग के छात्र थे। बड़े भाई अनिरुद्ध सिंह की न्यायालय से आजीवन कारावास हो जाने के बाद इंजीनियर कमलेश सिंह गांव आ गये और परिवार संभालने लगे। इसी बीच उन्होंने वकालत की भी डिग्री ले ली। अपने बल पर इंजीनियर कमलेश सिंह पहचान बनानी शुरू कर दी।
इंजीनियर कमलेश सिंह व उनके परिवार की आम लोगों में पापुलैरिटी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2012 के विधानसभा चुनाव में कमलेश सिंह की मां जामवंती देवी निर्दल चुनाव लड़ी थीं और 27388 वोट पाने में सफल रहीं। जिलापंचायत के बीते चुनाव में कमलेश सिंह अपनी मां जामवंती देवी को भारी मतों जीताने में सफल रहे। कुछ वर्षों की शांति के बाद खागी मुंडेरा गांव का इतिहास फिर अपने को दोहरा दिया है।