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जोधपुर में चार साल की मासूम से रेप के आरोपी को मिली आजीवन जेल की सजा

Jodhpur rape case: जोधपुर के रेपिस्ट को पोक्सो मामले के तहत मिली आजीवन कारावास की सजा। देशभर में दुष्कर्म के मामलों में राजस्थान की स्थिति शर्मनाक है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आकंड़ों के मुताबिक राजस्थान रेप के मामलों में पहले नंबर पर है और उसमें भी नाबालिगों से यौन शोषण के हालात तो और भी बदतर हैं. आरोपी की गिरफ्तारी एक महीने दस दिन बाद 17 अगस्त को हुई.

By इंडिया वॉइस 

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Jodhpur rape case: जोधपुर के रेपिस्ट को पोक्सो मामले के तहत मिली आजीवन कारावास की सजा। राजस्थान के जोधपुर में चार साल की एक मासूम के साथ दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने महज 53 दिन में ही मामले की सुनवाई कर सजा सुना दी है. विशेष अदालत ने 25 वर्षीय आरोपी को आखिरी सांस तक जेल में रखने का आदेश दिया है. मामले की सुनवाई पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अनिल आर्य की अदालत में हुई. अपना फैसला लिखते हुए अदालत ने कहा कि इस देश में कन्या की देवी के रूप में पूजा की जाती है. ऐसे में यह अपराध किसी हाल में स्वीकार्य नहीं है.

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आपको बता दें कि, वारदात 6 जुलाई 2022 को जोधपुर जिले के बालेसर थाना इलाके में हुई थी. वहां चार साल की मासूम अपने घर के सामने खाट पर सो रही थी. मासूम के माता-पिता घर के सामने ही स्थित खेत में कृषि कार्य में व्यस्त थे. इस दौरान बालेसर के जीयाबेरी निवासी 25 वर्षीय आरोपी सुमेराराम पुत्र भंवराराम वहां आया और मासूम को अकेला देखकर उसके साथ दुष्कर्म किया.

रेप के दौरान पीड़िता चीखी तो उसकी आवाज सुनकर उसके माता-पिता भागते हुए वहां पहुंचे तो वो हालात देखकर अवाक रह गए कि आरोपी मासूम के साथ रेप कर रहा था. उन्होंने उसे पकड़ने का प्रयास किया तो वह धक्का देकर फरार हो गया. गंभीर रूप से घायल मासूम को बालेसर के प्राथमिक उपचार केंद्र ले जाया गया. यहां से मासूम को जोधपुर रैफर कर दिया गया. पुलिस ने आरोपी को 17 अगस्त को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया और 30 अगस्त को संशोधित चालान भी पेश कर दिया.

कोर्ट में नहीं चली आरोपी के वकील की दलीलें
आपको बता दें कि, कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने कोर्ट से गुहार करते हुए कहा कि आरोपी पूर्व में किसी भी मामले में सजायाफ्ता नहीं है. यह उसका पहला अपराध है. आरोपी की आर्थिक स्थिति और घर की स्थिति बताते हुए कोर्ट को बताया गया कि आरोपी बहुत ही निर्धन परिवार से है. उसके दो छोटे बच्चे भी हैं. ऐसी परिस्थितियों में कोर्ट से रियायत बरतने की अपील की गई. राजकीय अधिवक्ता ने कहा कि चार वर्षीय मासूम से घिनौना कृत्य करने के आरोपी को मौत की सजा सुनानी चाहिए.

कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास कि सजा
दोनों पक्षों की अपील सुनने के बाद पोक्सो कोर्ट जज अनिल आर्य ने आरोपी को शेष जीवन जेल में रखने की सजा का फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि इस तरह के अपराधों में मृत्युदण्ड का प्रावधान है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसलों में कहा गया है कि मृत्युदण्ड सिर्फ दुर्लभतम श्रेणी के मामलों में दिया जाना चाहिए. ऐसे में आरोपी सुमेराम को उम्रकैद की सजा सुनाई जाती है.

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