मछली खाने के फायदों से आप बखूबी परिचित होंगे, लेकिन मछली का तेल भी आपके शरीर के लिए वरदान साबित हो सकता है। जी हां, मछली का तेल औषधीय गुणों से भरपूर होता है।
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मछली खाने के फायदों से आप बखूबी परिचित होंगे, लेकिन मछली का तेल भी आपके शरीर के लिए वरदान साबित हो सकता है। जी हां, मछली का तेल औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व जानलेवा बीमारियों से बचाने के साथ-साथ त्वचा के स्वास्थ्य को भी बरकरार रखने का काम करते हैं, लेकिन फिश ऑयल की गंध की वजह से कई लोग इसे उपयोग में नहीं लाते।
वहीं, आप स्टालक्रेज के इस लेख को पढ़ने के बाद इसकी गंध को कम करके मछली के तेल का उपयोग कर सकेंगे। इस लेख में हम आपको मछली के तेल के फायदे के साथ ही कई अन्य जरूरी जानकारी देंगे। मछली के तेल से संबंधित सभी तथ्यात्मक बातें जानने के लिए आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
फिश ऑयल मछली के ऊतकों यानी टिश्यू से बनाए जाने वाला तेल होता है। मछली के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड, इकोसैपेंटेनोइक एसिड (EPA) और डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (DHA) होते हैं (1)। ओमेगा-3 से समृद्ध होने की वजह से फिश ऑयल को ओमेगा-3 ऑयल भी कहा जाता है। बाजार में आप मछली के तेल की बोतल या बतौर कैप्सूल खरीद सकते हैं।
छली का तेल हृदय संबंधी रोगों को रोकने में मदद कर सकता है। साथ ही हृदय प्रणाली (कार्डियोवास्कुलर सिस्टम) के सुचारू रूप से कार्य को सुनिश्चित करता है। दरअसल, मछली का तेल ट्राइग्लिसराइड (लिपिड फैट) के स्तर को कम करता है, जिससे हृदय संबंधी रोगों का खतरा कम हो सकता है। इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड रक्त के स्तर को कम करके हृदय रोगों को रोकने और ठीक करने में मदद करता है। इसके सेवन से धमनियों में ब्लॉकेज, प्लाक और एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) का बढ़ना कम हो सकता है। साथ ही यह दिल के दौरे के जोखिम को भी कम कर सकता है
मछली के तेल का सेवन हड्डियों को स्वस्थ रख सकता है। यह हड्डी संबंधी रोग ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) यानी कमजोर हड्डियों को ठीक करने में मदद कर सकता है। इसका सेवन आपकी हड्डियों के घनत्व यानी डेंसिटी को बढ़ाता है और हड्डियों के कम होते घनत्व को रोकने में मदद करता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड मछली के तेल में मौजूद होता है। यह फैटी एसिड हड्डियों और उनके आसपास के टिश्यू में मौजूद खनिजों की मात्रा को नियंत्रित करता है, जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं। मछली के तेल के सेवन से गठिया का दर्द भी कम हो सकता है।