दिल्ली व एनसीआर में शुक्रवार को वायु प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कतें हुईं। खासकर अस्थमा व हर्ट के मरीजों के लिए यह खतरे का संकेत है। दिल्ली में वायु प्रदूषण को देखते हुए कक्षा 5 तक के स्कूल दो दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं। दिल्ली के अलावा नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हवा बेहद खराब ऱही।
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नई दिल्ली। दिल्ली व एनसीआर में शुक्रवार को वायु प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कतें हुईं। खासकर अस्थमा व हर्ट के मरीजों के लिए यह खतरे का संकेत है। दिल्ली में वायु प्रदूषण को देखते हुए कक्षा 5 तक के स्कूल दो दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं। दिल्ली के अलावा नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हवा बेहद खराब ऱही।
ग्रैप-3 लागू होने के साथ सभी गैर-आवश्यक निर्माण और तोड़फोड़ के कार्यों पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में पेट्रोल से चलने वाले बीएस-3 इंजन और डीजल से चलने वाले बीएस-4 चार पहिया वाहनों के इस्तेमाल पर रोक लग गई है।
मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के तीन सौ किलोमीटर के अंदर प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्रियल यूनिट और थर्मल पावर प्लांट पर नजर रखी जाएगी व कार्रवाई भी हो सकती है। होटल व रेस्तरां के तंदूर में कोयले और लकड़ी के इस्तेमाल पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में वृद्धि के बीच वायु गुणवत्ता पैनल ने गुरुवार को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के तीसरे चरण के तहत प्रतिबंधों को लागू करने का निर्देश दिया है। जिसमें गैर-जरूरी निर्माण और तोड़-फोड़ के काम पर रोक शामिल है। रेस्पाइरर की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली बीते पांच सालों में सबसे प्रदूषित शहर रहा है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार, शुक्रवार सुबह आठ बजे तक दिल्ली के मुंडका इलाके का औसत एक्यूआई 500, आईटीओ में 451, नजफगढ़ में 472, आईजीआई एयरपोर्ट में 500, नरेला में 500 दर्ज किया गया। वहीं नोएडा के सेक्टर-125 में एक्यूआई 400 पर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है।
10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर कार्रवाई
सेक्टर-62 में 483, सेक्टर-1 में 413 और सेक्टर-116 में 415 पर ‘गंभीर’ श्रेणी में एक्यूआई रहा। बढ़ते प्रदूषण के चलते नोएडा पुलिस ने विशेष अभियान चलाया है। इसके तहत 10 साल पुराने डीजल वाहनों और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है। बिना प्रदूषण सर्टिफिकेट वाले वाहनों पर भी सख्ती की जा रही है।