भारत का सबसे सुरक्षित और एशिया की सबसे बड़ी जेल कही जाने वाली तिहाड़ जेल पिछले एक हफ्ते से लगातार चर्चा में है।
Updated Date
नई दिल्ली। भारत का सबसे सुरक्षित और एशिया की सबसे बड़ी जेल कही जाने वाली तिहाड़ जेल पिछले एक हफ्ते से लगातार चर्चा में है। इस जेल को लेकर हमेशा ऐसा कहा जाता है कि यहां का पहरा इतना सख्त है कि बिना इजाजत एक परिंदा भी पर नहीं मार सकता। लेकिन पिछले हफ्ते जेल के अंदर टिल्लू ताजपुरिया और अप्रैल में हुई प्रिंस तेवतिया की हत्या के बाद यहां की सिक्योरिटी और सख्त पहरे पर सवाल उठने लगे हैं।
गैंगवार के बाद गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या का दो सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। जिसे देखने के बाद न सिर्फ लोग हैरान रह गए बल्कि दिल्ली की सबसे सुरक्षित जेल वाली छवि भी टूट गई है।
दरअसल पहले फुटेज में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया पर कुछ कैदी किसी नुकीले लोहे से 90 बार वार करते नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरे सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि कैदी गैंगस्टर पुलिसवालों के सामने ही घायल टिल्लू पर हमला कर रहे हैं।
इस घटना के बाद प्रशासन ने तुरंत एक्शन लेते हुए तिहाड़ जेल में तैनात तमिलनाडु स्पेशल पुलिस (TNSP) के सात कर्मियों को वापस भेज दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि ये वही सात जवान हैं जो हत्या के वक्त वहां तैनात थे। ऐसे में सवाल उठता है कि दिल्ली की तिहाड़ जेल में तमिलनाडु स्पेशल पुलिस के जवान क्यों तैनात किए जाते हैं?
कितनी सख्त होती है जेल की सुरक्षा
तिहाड़ जेल में 2 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों की 3 शिफ्ट में तैनाती होती है। इस जेल में 7500 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। एक दूसरे से संपर्क साधने के लिए तैनात जवान वॉकी-टॉकी से लैस होते हैं। जेल में बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लगा है याऩि यहां कोई भी कर्मचारी बिना फिंगरप्रिंट लगाए एंट्री नहीं कर सकता। तिहाड़ जेल के अंदर 3जी और 4जी इंटरनेट कनेक्टिविटी रोकने के लिए जैमर लगा हुआ है।
कैसे तय किया जाता है कि कौन कैदी कहां रहेगा?
तिहाड़ जेल के नंबर-1 में वैसे कैदियों को रखा जाता है, जिसका नाम ‘S’ और ‘Y’ अल्फाबेट से शुरू हो। जेल नंबर-2 में उन कैदियों को रखा जाता है जिसकी सजा की अवधि 10 साल या उससे ज्यादा की हो। जेल नंबर-3 में B, V, C, D, E, F और G अल्फाबेट से शुरू हुए नाम वाले कैदियों को रखा जाता है।
जेल नंबर-4 में उन कैदियों को रखा जाता है, जिनका नाम A और R से शुरू होता है। इसके साथ ही अलग अलग एल्फाबेट से साथ कैदियों को बांटा जाता है। जेल नंबर-5 में 10 साल से कम सजा वाले कैदी रखे जाते हैं। जेल नंबर-7 में महिलाओं को रखा जाता है. ऐसे ही हर जेल के हिसाब से कैदियों को बांटा गया है।