Booking.com

राज्य

  1. हिन्दी समाचार
  2. बिहार
  3. बिहार में नहीं बनेंगे मिट्टी से ईंट, केन्द्र सरकार की अधिसूचना के बाद राज्य सरकार शुरू करेगी पहल

बिहार में नहीं बनेंगे मिट्टी से ईंट, केन्द्र सरकार की अधिसूचना के बाद राज्य सरकार शुरू करेगी पहल

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इस आशय की अधिसूचना जारी की है। इसके तहत कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के चारों ओर 300 किलोमीटर में मिट्टी से ईंट नहीं बनाए जा सकेंगे।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

बिहार में मिट्टी से ईंट निर्माण में लगे व्यवसायियों की मुश्किल बढ़ने वाली है। अब वे मिट्टी से ईंट का निर्माण नहीं कर पायेंगे। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इस आशय की अधिसूचना जारी की है। इसके तहत कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के चारों ओर 300 किलोमीटर में मिट्टी से ईंट नहीं बनाए जा सकेंगे।

पढ़ें :- Bihar News: सीवान में राम जानकी पथ निर्माण का मुआवजा पचरुखी और बसंतपुर अंचल में बाटने की प्रक्रिया शुरू

बिहार सरकार के भी इसे लागू करने के बाद ताप बिजली घरों की स्थिति देखते हुए माना जा रहा है कि यह प्रतिबंध पूरे बिहार में लागू हो सकता है यानी राज्य के अधिकतर हिस्सों में ईंट भट्ठों को बंद करना पड़ सकता है। केवल फ्लाई ऐश यानी कोयला से चलने वाले ताप बिजलीघरों से निकली राख से ही ईंट का उत्पादन संभव होगा। केंद्र सरकार की इस अधिसूचना को जमीन पर लागू करने के लिए राज्य सरकार की ओर से भी अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके अलावा वन एवं पर्यावरण विभाग पर्यावरण से जुड़ी नियमावलियों में भी बदलाव कर सकता है। प्रदेश के खान विभाग को ईंट भट्ठों को लाइसेंस देने से संबंधित नियम भी बदलने होंगे।

पूरे प्रदेश पर पड़ेगा असर

पटना जिले के बाढ़ में स्थित नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) के प्लांट है, जिसकी वजह से पटना, आरा, नालंदा, शेखपुर, लखीसराय,मुंगेर और बक्सर प्लांट के 300 किलोमीटर के दायरे में आ जाएंगे। इसकी वजह से इन सभी जिलों के बड़े हिस्से में मिट्टी से ईंट बनाने पर प्रतिबंध रहेगा। औरंगाबाद के नवीनगर थर्मल पावर प्लांट से 300 किलोमीटर के दायरे में गया, नवादा, नालंदा, जहानाबाद, भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर जिलों के अधिकतर हिस्से आएंगे। इसी तरह बेगूसराय जिले के बरौनी पावर प्लांट से बेगूसराय, सहरसा, खगड़िया, मधेपुरा और सुपौल जिलों में मिट्टी से ईंट बनाने के भट्ठों पर बंदी की तलवार लटक रही है। मुजफ्फरपुर के कांटी थर्मल पावर के कारण दरभंगा, समस्तीपुर, सारण, वैशाली, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, सारण,गोपालगंज,सीतामढ़ी, शिवहर और मधुबनी जिलों में ईंट भट्ठा नामुमकिन होगा। पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार के इलाके भी फरक्का प्लांट के 300 किलोमीटर के दायरे में आ जाएंगे। अगर कहा जाए तो बिहार का शायद ही कोई हिस्सा इससे वंचित होगा।

इस बाबत प्रदेश के खान मंत्री जनक राम ने बातचीत में कहा कि थर्मल पावर प्लांट के 300 किलोमीटर के दायरे में मिट्टी से ईंट बनाने पर प्रतिबंध लगाने और केवल फ्लाई एश से ईंट बनाने से संबंधित भारत सरकार की अधिसूचना को बिहार सरकार पूरी तरह लागू करेगी। जल्द बैठक कर इससे संबंधित कार्ययोजना तय की जाएगी।

पढ़ें :- Bihar News: गोपालगंज जिले में भीषण सड़क हादसा, पिकअप अनियंत्रित होकर साइकिल सवार पर पलटा, हादसे में 4 की मौत

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook, YouTube और Twitter पर फॉलो करे...
Booking.com
Booking.com
Booking.com
Booking.com