छत्तीसगढ़ में दो महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने एक बार फिर बड़ा दांव खेलते हुए 36 सौ रुपए एमएसपी में धान खरीदी करने का वादा किया है।
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में दो महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने एक बार फिर बड़ा दांव खेलते हुए 36 सौ रुपए एमएसपी में धान खरीदी करने का वादा किया है।
राज्य सरकार की ओर से कृषिमंत्री रवींद्र चाैबे का यह बयान आया है कि अगर फिर उनकी सरकार बनती है तो छत्तीस साै रुपए एमएसपी की कीमत पर किसानों से धान खरीदी की जाएगी। यानी तीस फीसदी MSP बढ़ने के हिसाब से सरकार के अगले कार्यकाल में किसानों को मिलने वाली धान की कीमत 3600 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच जाएगी।
किसानों को इसका लाभ अगले साल से मिलने लगेगा।मंत्री रवींद्र चौबे के मुताबिक राज्य सरकार पहले ही समर्थन मूल्य के साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रति क्विंटल नौ हजार रुपए की सब्सिडी दे रही है। इसके चलते ही प्रदेश के किसानों को धान की भरपूर कीमत मिल रही है।
वहीं, मंत्री रविन्द्र चौबे के इस दावे के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है। इस मामले में बीजेपी का कहना है कि रविंद्र चौबे ने अपने बयान से खुद ही यह स्पष्ट किया है कि छत्तीसगढ़ के किसानों को धान की जो भी कीमत मिलती है, वे केंद्र सरकार के MSP (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) की वजह से ही मिलती है।
बीजेपी का कहना है कि चौबे ने यह भी स्वीकार किया है कि केंद्र की सरकार ने छत्तीसगढ़ से 130 लाख मीट्रिक टन धान से बना चावल खरीदने का फैसला लिया है। इसलिए राज्य सरकार ने भी धान खरीदी का लक्ष्य बढ़ाया है। यह स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ की धान खरीदी का अधिकतर पैसा केंद्र सरकार देती है और कांग्रेस झूठी वाहवाही लूट रही है।