उत्तरी जिले की साइबर थाना पुलिस ने लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी कर उनका क्रेडिट व डेबिट कार्ड का डाटा बेचने के आरोप में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी ठगी का मास्टरमाइंड है, जो पिछले कई सालों से लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दे रहा था। एक महिला वकील के साथ ठगी की शिकायत पर पुलिस ने ये बड़ी कार्रवाई की है।
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नई दिल्ली। उत्तरी जिले की साइबर थाना पुलिस ने लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी कर उनका क्रेडिट व डेबिट कार्ड का डाटा बेचने के आरोप में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी ठगी का मास्टरमाइंड है, जो पिछले कई सालों से लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दे रहा था। एक महिला वकील के साथ ठगी की शिकायत पर पुलिस ने ये बड़ी कार्रवाई की है।
पुलिस टीम ने मामले में कार्रवाई करते हुए मास्टरमाइंड आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से ठगी से संबंधित कई मोबाइल फोन, लैपटॉप व अन्य सामान बरामद किया गया है। आरोपी से पूछताछ के आधार पर पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है। उत्तरी जिले के डीसीपी मनोज कुमार मीना ने बताया कि दिल्ली में महिला वकील ठगी की शिकार हुई थी।
आरोपी ने उसके साथ एक लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस टीम ने महिला की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया और साइबर थाना पुलिस को मामले की पड़ताल सौपी। साइबर थाना एसएचओ पवन कुमार की देखरेख में टीम का गठन किया गया। साइबर थाना पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए महिला से मिली डिटेल के आधार पर बिहार के नालंदा से आरोपी सौरभ को गिरफ्तार किया।
आरोपी पहले कोरियर कंपनी में करता था काम
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह पहले किसी कोरियर कंपनी में काम करता था, जहां से उसने लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम देने की कवायद शुरू कर दी। आरोपी अपने गैंग का मास्टरमाइंड है, जो लोगों से ऑनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम देता था। आरोपी ऑनलाइन सामान भेजने के नाम पर लोगों को फोन कर उनसे क्रेडिट व डेबिट कार्ड की डिटेल लेता और ग्राहकों को जब ओटीपी फोन पर मिलता तो सारी जानकारी आरोपी के पास चली जाती।
आरोपी और भी कंपनियों को बेचता था डेटा
आरोपी और भी कंपनियों को 300 लोगों का डाटा हर रोज के हिसाब से प्रति व्यक्ति रुपए के हिसाब से बेचता था। आरोपी ग्राहकों के पास फोन कर बताता था कि उनका कूरियर पैकेट आया है, जिसका वजन कंपनी के मानकों से ज्यादा है। जिस पर कुछ अतिरिक्त भुगतान ग्राहक को करना होगा, ग्राहक आसानी से उसे भुगतान करते।
पुलिस पूछताछ से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस गैंग से जुड़े लोगों और उन कंपनियों की तलाश कर रही है जिनको आरोपी प्रति व्यक्ति डाटा 20 रुपए के हिसाब से बेचता था।