Booking.com

राज्य

  1. हिन्दी समाचार
  2. जीवन मंत्रा
  3. Shardiya Navratri 2022:माँ दुर्गा के 9वे स्वरूप माँ सिद्धिदात्री की पूजा विधि,मंत्र एवं कथा

Shardiya Navratri 2022:माँ दुर्गा के 9वे स्वरूप माँ सिद्धिदात्री की पूजा विधि,मंत्र एवं कथा

Shardiya Navratri 2022:नवरात्रि के नौ दिनों मे माँ दुर्गा के अलग-अलग नौ रूपो की पूजा अर्चना की जाती है ,नवरात्रि के अंतिम दिन माँ दुर्गा की नवीं शक्ति माँ सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाती है,माँ दुर्गा की नवीं शक्ति माँ सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के लिए इन मंत्र का जाप करे - "सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि, सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।"

By रेनू मिश्रा 

Updated Date

Shardiya Navratri 2022:नवरात्रि के नौ दिनों मे माँ दुर्गा के अलग-अलग नौ रूपो की पूजा अर्चना की जाती है ,नवरात्रि के अंतिम दिन माँ दुर्गा की नवीं शक्ति माँ सिद्धिदात्री की पूजा,अर्चना, उपासना की जाती है, माँ दुर्गा की नवीं शक्ति माँ सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के लिए इन मंत्र का जाप करे – “सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि,
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।”

पढ़ें :- Vrat Recipes 2022:नवरात्रि मे बनाए काजू पनीर की स्वादिष्ट सब्जी, टेस्ट के साथ मिलेगी एनर्जी

नवरात्रि के अंतिम दिन सर्वप्रथम कलश की पूजा की जाती है,उसके बाद माँ का ध्यान करे और उन्हे रोली,मोली,कुमकुम,पुष्प,चुनरी आदि से माँ की भक्ति भाव से पूजा करें,उसके बाद माँ को पूरी हलवा खीर का भोग लगाए,इसके बाद माँ सिद्धिदात्री के मंत्रो का जाप करना चाहिए,इस दिन नौ कन्याओं को घर में भोजन करना चाहिए,कन्याओं की आयु दो वर्ष से ऊपर और 10 वर्ष तक होनी चाहिए और इनकी संख्या कम से कम 9 तो होनी ही चाहिए। नव-दुर्गाओं में सिद्धिदात्री अंतिम है तथा इनकी पूजा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इस तरह से की गई पूजा से माता अपने भक्तों पर तुरंत प्रसन्न होती है। भक्तों को संसार में धर्म,अर्थ,काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है

माँ दुर्गा के नवें रूप माँ सिद्धिदात्री की कथा
भगवान शंकर ने भी इन्हीं की कृपा से सिद्धियों को प्राप्त किया था. संसार में सभी वस्तुओं को सहज पाने के लिए नवरात्रि के नौवें दिन इनकी पूजा की जाती है. इस देवी की कृपा से ही शिवजी का आधा शरीर देवी का हुआ था. इसी कारण शिव अर्द्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हुए.ये कमल पर आसीन हैं और केवल मानव ही नहीं बल्कि सिद्ध, गंधर्व, यक्ष, देवता और असुर सभी इनकी आराधना करते हैं. यह मां का प्रचंड रूप है, जिसमे शत्रु विनाश करने की अदम्य ऊर्जा समाहित होती है. इस स्वरूप को तो स्वयं त्रिमूर्ति यानी की ब्रह्मा, विष्णु, महेश भी पूजते हैं.

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook, YouTube और Twitter पर फॉलो करे...
Booking.com
Booking.com
Booking.com
Booking.com